UP News: काशी विद्यापीठ ब्लॉक के गांवों की तस्वीर अब जल्द ही निखरने वाली है ब्लॉक प्रमुख रेनू पटेल की अगुआई में हुई बैठक में गांवों के बुनियादी ढांचे के लिए 4.10 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई। इस फंड से सीसी रोड, भूमिगत नालियां, सोलर लाइट और शौचालय जैसे जरूरी काम होंगे। इसके बाद ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और जीवनस्तर में सुधार होगा।
ग्रामीणों की उम्मीदें अधिकारियों की योजना
इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह है बैठक में मौजूद पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रवेश पटेल ने कहा यह फंड गांवों के विकास में मील का पत्थर साबित होगा सोलर लाइट से रात में चौपालों और गलियों में रौशनी बढ़ेगी जिससे महिलाओं की सुरक्षा भी मजबूत होगी वहीं बीडीओ राजेश यादव ने काम की गुणवत्ता और समयसीमा पर जोर देते हुए कहा कि हर गाँव तक पारदर्शी तरीके से लाभ पहुंचेगा।
खुशीपुर गांव के प्रधान अभय सोनकर ने हाल की बैठक में एक बड़ी समस्या उठाई उन्होंने बताया कि गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षक अक्सर समय पर नहीं आते जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है सोनकर ने कहा अगर टीचर्स ठीक से क्लास नहीं लेंगे तो बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा इस मुद्दे पर अन्य गांवों के प्रतिनिधियों ने भी सहमति जताई और शिक्षा विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
क्या है समाधान?
इस बैठक में मौजूद सीडीपीओ रमेश यादव ने सुझाव दिया कि शिक्षकों की उपस्थिति ट्रैक करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया जाए वहीं कुछ प्रधानों ने अभिभावकों की निगरानी समिति बनाने की बात कही सभी ने इस बात पर जोर दिया कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
सड़कों की खुदाई से ग्रामीण परेशान
जल जीवन मिशन के तहत चल रहे पाइपलाइन के काम ने गांवों में नई मुसीबत खड़ी कर दी है प्रधानों ने शिकायत की कि सड़कों की खुदाई के बाद मलबा हटाया नहीं गया जिससे यातायात ठप हो गया है ग्रामीणों को रोजमर्रा के कामों में दिक्कत हो रही है जैसे बच्चों को स्कूल छोड़ने में परेशानी या मरीजों को अस्पताल ले जाने में देरी।
अधिकारियों ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रामबली सिंह ने कहा हमने पंचायत को लिखित में शिकायत भेजी है जल्द ही सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होगा बीडीओ राजेश यादव ने आश्वासन दिया कि खुदाई वाले स्थानों पर वॉर्निंग साइन लगाए जाएंगे और काम की प्रगति की नियमित जांच होगी।
निष्कर्ष:-
काशी विद्यापीठ ब्लॉक के गांव एक ओर जहां बुनियादी सुविधाओं के विस्तार से उम्मीदों के नए आसमान छू रहे हैं वहीं शिक्षा और सड़कों से जुड़ी समस्याएं चिंता का सबब बनी हुई हैं अगर अधिकारी ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से लें और योजनाओं को पारदर्शी ढंग से लागू करें, तो यह इलाका निश्चित ही प्रगति की नई मिसाल कायम करेगा। फिलहाल, गांव वालों की नजरें सरकारी वादों और जमीनी हकीकत के बीच के फासले को पाटने की उम्मीद पर टिकी हैं।